Re: यादें ओलिम्पिक की
भारत को भी पहचाननी होगी ताकत
भारत अभी किसी भी खेल में सबसे आगे नहीं है, लेकिन भविष्य में होने वाले ओलिंपिक खेलों में भारत को यदि महाशक्तिके तौर पर उभरना है तो उसे अपनी ताकत पहचाननी होगी। पिछले कुछ सालों में कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स इस ओर इशारा करते हैं कि भारत निशानेबाजी, मुक्केबाजी और कुश्ती को अपनी मजबूती बना सकता है। इन तीनों खेलों में भारत ने हालिया समय में काफी तरक्की की है। अगर सार्थक प्रयास किए जाएं तो हम इन खेलों में वर्ल्ड बीटर (दुनिया को हराने वाला)की उपाधि हासिल कर सकते हैं। इनके अलावा भारत बैडमिंटन और तीरंदाजी में भी मजबूत दावेदार बन सकता है। बैडमिंटन में पांच और तीरंदाजी में चार स्वर्ण दांव पर होते हैं।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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