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Originally Posted by deep_
सही बात है। खुद कुदरतने भी औरत को पुरुष से निर्बल बना कर और बच्चे के जन्म की जिम्मेदारी दे कर अन्याय किया है। अमरिका, ब्रिटन जैसे देशो में भी औरतों को पुरी स्वतंत्रता कहां है? वहां भी औरतो पर कितने अत्याचार होते है!
जैसा की पवित्राजी ने कहा की औरतों को चाहिए के वे अपने पैरो पर खड़ी हो जाए, पैसे कमाने लगे, अपने अस्तित्व को और मज़बुत बनाएं।
महिलाओं से खास कर के मेरी विनती है...जब कभी 'निर्भया कांड' जैसे मामले हो वहां चुप्पी न साधे। आपके घर का पुरुष भले बोले न बोले, आप जरुर ईसे एक मुद्दा बनाए। घर के लडकों को औरत जात की महत्ता समजाए और उसे महिला वर्ग की ईज्जत करना सिखाएं।
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जी हाँ दीप जी विदेशो में भी महिलाओं पर अत्याचार होते हैं एइसा नहीं की भारत में ही होते हैं अत्याचार , क्यूंकि पुरे विश्व को इश्वर ने दो तरह के इन्सान महिला और पुरुष के रूप में विभक्त किया है . और हर जगह महिलाओं को ज्यदा सहना पड़ा है ... नारी सम्मान की बातें है हमारे शास्त्रों में की जहाँ नारी का पूजन होता है उसका सम्मान होता है( पूजन शब्द का यहाँ ये अ र्थ लगाया गया हैसम्मान से )किन्तु आज शास्त्रों की बातो को कौन मानता है? कोई नहीं..
सस्कर की कमी, निरंकुशता और बेशर्मी ने आज महिला के सम्मान को बहुत कम कर दिया है
और इसलिए बलात्कार, छेड़खानी जैसी घटनाएँ बढ़ गई है समाज में . जिसे महिलाएं सह रही हैं .