Re: क्विज़ टाइम / किशोर कुमार
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किशोर कुमार
किशोर कुमार के लिए बहुत मुश्किल था हिन्दी सिनेमा में अपना मुकाम बनाना क्योंकि उन दिनों लोग मोहम्मद रफी को ही सुनना चाहते थे पर साल 1969 में रिलीज हुई फिल्म “आराधना” ने किशोर कुमार की किस्मत को बदल दिया। मोहम्मद रफी को चाहने वाले लोग धीरे-धीरे किशोर कुमार की गायिकी के दीवाने हो गए। सच तो यह था कि दोनों की गायक अपनी गायिकी के अंदाज में बेहतर थे।
नौशाद भी समय परिवर्तन के साथ-साथ किशोर कुमार की गायिकी को पसंद करने लगे। नौशाद ने किशोर कुमार को फिल्म ‘सुनहरा संसार’ में गाने का मौका दिया। साल 1975 में जब फिल्म सुनहरा संसार रिलीज हुई तो उसमें किशोर कुमार का गाया गाना नहीं था। जब नौशाद से पूछा गया कि फिल्म से वो गाना कट क्यों कर दिया गया तो नौशाद ने जवाब दिया कि फिल्म के निर्देशक ने उस गाने की शूटिंग ही नहीं की थी। ऐसे में कहीं ना कहीं किशोर कुमार का नौशाद से विश्वास उठ गया और फिर कभी भी दोनों ने एक साथ काम नहीं किया। इस बीच दोनों का ही कुछ भी नुकसान नहीं हुआ बल्कि नुकसान उन लोगों का हुआ जो किशोर और नौशाद को एक साथ सुनना चाहते थे।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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