Re: सरिता जी की रसोई .....कुछ बेहतरीन पर सादा
बहुत बढ़िया सूत्र का शुभारम्भ किया है, मित्र. आप और आपकि श्रीमती जी दोनों को धन्यवाद दिया जाना चाहिए. एक ही दिन में कई डिशें तैयार हो गयीं. कृपया सूत्र को अपडेट करते रहें.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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