Re: भारतीय क्रिकेट में स्पिन गेंदबाजी के जाद&a
भारतीय क्रिकेट में स्पिन के जादूगर
दूसरा दौर
यह वह दौर था जब भारतीय फिरकी गेंदबाजों के सामने बड़े से बड़े बल्लेबाज पानी माँगते नजर आते थे यह दौर था प्रसन्ना, भागवत चंद्रशेखर, बिशन सिंह बेदी और वेंकट राघवन का जो की 1961 से 1982 तक रहा जिसे भारतीय फिरकी का स्वणॅ युग भी कहा जाता है। इस दौर में भारतीय टीम अकेली ऐसी टीम थी जो अपने स्पिनरों की बदौलत टेस्ट मैच जीतती थी। चंद्रशेखर और बेदी को तो फिरकी का जादूगर कहा जाता है। ये दोनो लेग स्पिनर तथा प्रसन्ना और राघवन ऑफ स्पिनर थे। बेदी प्रसन्ना और चंद्रशेखर की तिकड़ी के सामने बड़े से बड़ो ने घुटने टेक दिये थे।
तीसरा दौर
80 से 90 के दशक मे दिलीप दोषी, शिवलाल यादव और मनिंदर सिंह का रहा। ये भले ही उस उँचाइ को ना छू पाए लेकिन उस विरासत को आगे बढाया। इसी दौर में नरेंद्र हिरवानी और शिवरामकृष्णन आए लेकिन ये मैच जिताऊ नही बन पाए। हिरवानी ने अपने पहले टेस्ट में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 16 विकेट लेकर जो कमाल दिखाया उसे फिर वे दोहरा न सके।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 24-10-2015 at 07:12 PM.
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