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Old 03-11-2016, 06:28 PM   #1
Dinesh Dhingra-Shabd Mala
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Dinesh Dhingra-Shabd Mala is on a distinguished road
Default माँ, नहीं भूलता,,,,,

--नहीं भूलता--
-तेरे वो दर्द में भी मुस्कुराने का अंदाज़ नहीं भूलता,
-कमज़ोर शरीर के वो आशीष का हाथ नहीं भूलता,
-दुवाए देते उन होठों का संवाद नहीं भूलता,
-इक जनम में हजारों जन्मो का प्यार नहीं भूलता,
-तरस्ती निगाहों से मेरे आने का इंतज़ार नहीं भूलता,
-तेरी बलाएँ मैं ले लू ऐसा वो फरमान नहीं भूलता,
-सभी का तेरी आलू की परोंठी के स्वाद का बखान नहीं भूलता,
-तेरी वो ममता भरी चूरी का स्वाद नहीं भूलता,
-ज़िंदगी की पतली रस्सी पर इक पैर से चलता कलाकार नहीं भूलता,
-सबकी झोलियां खुशीयों से भरने वाला वो धनवान नहीं भूलता,
-पति पर जान छिड़कता वो वफादार नहीं भूलता,
-बहु को बेटी बनाकर साथ निभाता किरदार नहीं भूलता,
-प्यार की डोरी में पिरोए रिश्तों का हार नहीं भूलता,
-ज़िंदगी की दौड़ को लंगड़े घोड़े से जीतने वाला घुड़सवार नहीं भूलता,
-चुभती सूयियो से दर्द का वो कोहराम नहीं भूलता,
-घटती ज़िंदगी से जीने का वो अरमान नहीं भूलता,
-दिल चीरते उस दर्द पे हँसी का मुखोटा लगाये वो फनकार नहीं भूलता,
-दुख पर लेटी उस देह का भगवान् पे ऐतबार नहीं भूलता,,,,,,,,,,,

हजारों हाथ हैं मेरे सर पर आज, हजारों हाथ हैं मेरे सर पर आज,
लेकिन तेरे होने का एहसास नहीं भूलता,
ऐ माँ तेरा प्यार नहीं भूलता.
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