Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
कपास के बीजों से उत्पादन हुआ दोगुना से अधिक
नई दिल्ली। सरकार ने बताया कि बीटी कपास के बीजों के इस्तेमाल के बाद देश में कपास का उत्पादन दोगुना से भी अधिक हो गया है। कृषि मंत्री शरद पवार ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि वर्ष 2004-05 में देश में कपास का उत्पादन 164 लाख गांठ था जो वर्ष 2011-12 में बढ़कर 340 लाख गांठ हो गया है। उन्होंने पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि यह साफ संकेत है कि बीटी कपास के बीजों के इस्तेमाल के बाद कपास के उत्पादन में वृद्धि हुई है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के धुले जिले और मध्यप्रदेश के खरगौन जिले में किसानों ने बेयर बायो साइंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से उत्पादित कपास के संकर बीजों के कारण फसलों के नुकसान की शिकायत की। जांच के बाद पता चला कि किसानों को 44,77,672 रुपए का नुकसान हुआ। इन बीजों का विपणन कंपनी ने ही किया था। कृषि मंत्री ने बताया कि बेयरबायो साइंस प्रा लि कंपनी को प्रशासन ने प्रभावित किसानों को 44,77,672 रुपए बतौर मुआवजा देने का निर्देश दिया। कंपनी ने आदेश को मुम्बई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। उन्होंने सत्यव्रत चतुर्वेदी के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार किसानों को यह सुझाव नहीं देती कि फसल के लिए वह कौन सा बीज चुनें। यह फैसला किसान खुद करते हैं। उन्होंने कहा बीटी कपास के बीजों का उपयोग नौ राज्यों में किया जा रहा है और इन राज्यों को कानून में यह प्रावधान करना चाहिए कि अगर किसानों को नुकसान होता है, अगर फसल अच्छी नहीं होती तो कंपनी इसके लिए मुआवजा दे। एम वेंकैया नायडू के पूरक प्रश्न के जवाब में पवार ने कहा कि देश में 41 कंपनियां बीटी कपास के बीजों का उत्पादन कर रही हैं।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
|