Re: तीन सौ रामायणें :: ए.के. रामानुजन
कन्नड़ में सीता शब्द का मतलब है ''उसने छींका'' : रावण उसे सीता बुलाते हैं क्योंकि वह उनकी छींक से पैदा हुई है। इस तरह सीता के नाम को एक कन्नड़ लोक-व्युत्पत्ति के द्वारा समझाया गया है, वैसे ही जैसे संस्कृत पाठों में इस नाम की संस्कृत व्युत्पत्ति मिलती है : वहां राजा जनक उन्हें खेत में, हल से बनी रेखा में पाते हैं, जिसे सीता कहा जाता है। इसके बाद रावुला ज्योतिषियों के पास जाते हैं, जो उन्हें बताते हैं कि यह शिव के सामने कही गयी बात पर क़ायम न रहने और अपनी पत्नी को फल का गूदा खिलाने के बजाय स्वयं खा लेने का दंड है। वे उस बच्ची को खिला-पिला कर और वस्त्र पहना कर किसी जगह छोड़ आने की सलाह देते हैं जहां वह किसी दम्पति को मिलेगी और उनके द्वारा पालित-पोषित होगी। रावण उसे एक बक्से में बंद कर जनक के खेत में छोड़ आते हैं।
सीता-जन्म की इस कथा के बाद ही कवि राम और लक्ष्मण के जन्म और कारनामों का वर्णन करता है। उसके बाद एक लंबा खंड आता है जो सीता के विवाह की प्रतियोगिता पर है। वहां रावुला आते हैं और अपमानित होते हैं, क्योंकि जिस भारी धनुष को उठाना है उसके भार से वे गिर जाते हैं। राम उस धनुष को उठा लेते हैं और सीता से विवाह करते हैं। बाद में सीता रावुला के द्वारा अगवा कर ली जाती हैं। राम अपने वानर सहयोगियों के साथ लंका की घेराबंदी करते हैं, और (एक छोटे खंड में) सीता को पुनर्प्राप्त करते हैं और उनका राज्याभिषेक होता है। इसके बाद कवि सीता की परीक्षा के प्रसंग पर आता है। उसके बारे में मिथ्यापवाद फैलता है और उसे राज्य से निकाल दिया जाता है, लेकिन वह जुड़वां बच्चों को जन्म देती है जो बड़े होकर योद्धा बनते हैं। वे राम के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को बांध देते हैं, घोड़े की देखरेख के लिए भेजी गयी सेना को पराजित कर देते हैं और अंततः अपने माता-पिता को फिर से मिला देते हैं, इस बार हमेशा-हमेशा के लिए।
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