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Originally Posted by soni pushpa
सबसे पहले पुरे हिंदुस्तानी भाई बहनो को मेरे सभी पाठकों को तथा फोरम के सभी सदस्यों को दीपावली की अनेकानेक शुभकामनायें
....दिन ढला हो गयी रात लो आई सुबह नई
....फिर से वक़्त आ रहा खुशियों भरा दोस्तों
चुरा के संजो लेना वो पल दीपावली के
दीयों की रोशनी से चमका लेना अपना मन
....नए वर्ष में खुद से यह वादा कर ले
तू न दुखायेगा भविष्य में किसी का भी मन....
दे रहे सन्देश ये जगमगाते दिए तुझे, सिख ले मुझसे
कैसा जला जाता है दूजों के लिए। .
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दीपावली के उपलक्ष्य में आपकी इस कविता ने एक विशेष प्रयोजन की पूर्ति की है. हमारे त्यौहार हम सब के जीवन में केवल एक खानापूरी न हो कर बड़ा सन्देश भी लाते हैं. यदि हम इन संदेशों को आत्मसात कर उन पर अमल करें तभी हम सबके जीवन में वांछित परिवर्तन ला कर एक बड़े उद्देश्य की पूर्ति कर सकते हैं. आपने भी उपरोक्त पंक्तियों में दिए का उदाहरण दे कर सब को सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि वंचित लोगों के जीवन में भी प्रकाश व खुशियाँ लाने का आह्वान किया है. बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी तथा आपको भी दीपावली की बधाई.