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Originally Posted by Sikandar
अंगूठे के परिणाम वाली अति लघू स्वरूप और सूक्ष्म आत्मा मनुष्य के भीतर सदा विद्यामान रहती है ।
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मुझे प्रतीत होता है कि "परिणाम" के स्थान पर "परिमाण" होना चाहिए | शेष जो उचित हो ......
प्रेरणादायी सूत्र के लिए सिकंदर भाई आपका हार्दिक अभिनंदन |
मनुष्य की योग्यता का पुरस्कार वह सामग्री नहीं है जो उसे उसकी उपलब्धि पर प्राप्त हुयी है बल्कि उत्तम पुरस्कार यह है कि वह व्यक्ति उस उपलब्धि से क्या बना सका है |