'परिचय' गुलज़ार जी की एक क्लासिक फिल्म है। शायद सभी ने यह फिल्म एक बार तो देखी होगी। रामगोपाल वर्मा जिस तरह हर एक्टर को अलग केरेक्टर में पेश करते थे....गुलज़ार जी ने यह बहुत पहेले ही कर दिया था! जितेन्द्र जैसे जम्पींग जेक एक्टर को ईतना गंभीर और ठहराव वाला रोल देना ही बहुत अद्*भुत सोच थी। सभी को जया बच्चन से तो अपेक्षा होती ही लेकिन जितेन्द्र?
फिर एक फिल्म लिखना, उस की स्क्रीप्ट, संवाद भी लिखना और उपर से गीत भी लिखना.....गुलज़ार ही कर सकतें है एसा तो! और फिल्म को देखो तो? पुरी तरफ परफेक्ट, मानो एक एक क्षण किसी शिल्पकार ने धीरे धीरे उभारे हो। टेक्निकल खामीयां भी कोई नहीं!