Re: बजट 2013-14
वाहन उद्योग ने कहा, बजट उम्मीद के अनुरूप नहीं
स्पोर्ट्स यूटिलिटी वीकल्स तथा आयातित लक्जरी वाहन महंगे होंगे। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट में इन दोनों पर उत्पाद और सीमा शुल्क बढाने का प्रस्ताव किया। स्पोर्ट्स यूटिलिटी वीकल्स (एसयूवी) पर उत्पाद शुल्क मौजूदा 27 प्रतिशत से बढाकर 30 प्रतिशत किया गया जबकि महंगे वाहनों पर 75 प्रतिशत की बजाए 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही 800 सीसी या उससे अधिक क्षमता के मोटरसाइकिल पर मूल सीमा शुल्क 60 प्रतिशत से बढाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। टोयोटा किर्लास्कर मोटर (टीकेएम) के उप प्रबंध निदेशक तथा मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन तथा वाणिज्यिक) संदीप सिंह ने कहा, ‘वाहन उद्योग के लिये यह बजट सही नहीं है। शुल्क में वृद्धि को सभी विनिर्माता उपभोक्ताओं पर टालेंगे और इससे बिक्री और प्रभावित होगी।’ उन्होंने कहा, ‘टीकेएम सारा बोझ उपभोक्ताओं पर डालेगी। उत्पाद शुल्क से बहु उपयोग वाहन इनोवा तथा एसयूवी फोर्चुनर प्रभावित होगी। वहीं सीमा शुल्क बढने से लैंड क्रूजर तथा प्रादो महंगी होगी।’ उन्होंने कहा, कंपनी ने अब तक यह तय नहीं किया है कि कितनी राशि बढेगी। वैसे इनोवा के मामले में यह वृद्धि 30,000 से 50,000 के बीच होगी। वहीं फार्चुनर के मामले में 60,000 से 75,000 की वृद्धि की संभावना है। इसी प्रकार का विचार प्रकट करते हुए जनरल मोटर्स इंडिया के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक लावेल पैडोक ने कहा कि जहां तक वाहन उद्योग का सवाल है, बजट उसकी उम्मीदों को पूरा नहीं करता। ‘हम पिछले साल लगाये गये उत्पाद शुल्क को वापस लिये जाने की उम्मीद कर रहे थे ... यह वृद्धि उम्मीद के अनुरूप नहीं है और इससे एसयूवी की बिक्री पर असर पड़ेगा।’ बजट में हाईब्रीड और विद्युत चालित वाहनों के विनिर्माण के लिए लिथियम आयॉन बैटरी को मूल आयात शुल्क से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। ऐसे वाहनों के विनिर्दिष्ट कल पुर्जों पर आयात शुल्क में दूछ की अवधि भी दो साल बढा कर 31 मार्च 2015 तक जारी रखने की घोषणा की गयी है। इसके शुल्क की मूल दर शून्य, प्रति पूर्ति कर 6 प्रतिशत और विशेष अतिरिक्त शुल्क शून्य प्रतिशत रखा गया है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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