Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
फिर रीना ने बताया कि कैसे कुछ दिन पहले उसका भाई दिल्लिया एक प्रेम पत्र को बीच सड़क पर से उठा कर लाया और उसे दिखाते हुए बोला-
‘‘देखी बबलुआ कैसन कैसन चिठठी बीच सड़का पर फेंक देहै।’’
रीना ने उस पत्र के अस्तित्व को सिरे से नाकार दिया। हलंाकि उसने बताया कि वह पत्र मेरे हैंड राइटिंग जैसी ही थी पर उसे पूरा भरोसा था कि उसका प्रेम पत्र यूं ही सड़कों पर फेंका नहीं रह सकता और उसने अपने भाई से कहा था कि बबलुआ ऐसन करिए नै सको है। इतना भरोसा था उसे अपने प्यार पर और आज वहीं चाल दिल्लिया ने संगितिया को पत्र लिख कर एक गोली से तीन शिकार करना चाहा। पहला मुझे बदनाम, दुसरा मास्टर साहब से दुश्मनी और तीसरा रीना से अलगाव, मैं इस बात से अनजान ही अभी था कि रीना ने आकर सभी राज बता दिया।
अब मामला पलट गया और मास्टर साहब ने इसे अपनी बेटी को बदनाम करने के लिए की गई साजिश के रूप में देखा और दोनों घरों में जम कर मारपीट हुई।
खैर, इससब के बीच मैं पटना के लिए रवाना हो गया। बस पर मेरे गांव का रहने वाला दोस्त मुकेश मिल गया जिसने बताया कि कहरनीया फुलेनमा मर गई। मुझे दुख हुआ और साथ ही मैं कुछ साल पूर्व की यादों में खो गया।
कुछ माह पूर्व जब मैं अपने गांव गया था तब इसी मुकेश के साथ एक दिन फुलेना के बागीचे से अमरूद्ध तोड़ने में लगा हुआ था। फुलेना का बगैचा तीन चार एकढ में फैला हुआ था। सारा बगीचा चाहरदिवारी से घिरा था और मैं होशियारी से चाहरदिवारी के बाहर से लंबाई का फायदा उठाते हुए अमरूद्ध तोड़ रहा था कि तभी अचानक पांच छः फिट उंची चाहरदिवारी फांद कर फुलेना कूद कर मेरा कालर पकड़ लिया। वह मुझसे करीब पांच साल बड़ी होगी। छः फिट लंबा शरीर, हठ्ठा कठ्ठा, एक दम गदराल।-
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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