Re: सन 2115 का करवा चौथ व्रत
टाइम मशीन में शेट्रोल (यह पेट्रोल से नहीं चलती) डलवा कर मैं भविष्य की यात्रा पर निकल गया. आज अधिक दूर तक जाने का मूड नहीं था. सो मीटर में 100 वर्ष भविष्य में (यानी सन 2115) दर्ज किया और पासवर्ड की इमेज मन में रख कर स्टार्ट बटन दबा दिया. एक हरिकेन जैसा बवंडर उठा और आधा घंटा तक तरह तरह की आवाजें आती रहीं. धीरे धीरे आवाजें शांत हो गयीं और मैं टाइम मशीन समेत सन 2115 में लैंड कर गया. मशीन को फोल्ड कर के मैंने नज़दीक के एक पार्क के कोने वाली फेंस के पीछे छिपा दिया. अब मैं घूमने फिरने के लिए स्वतंत्र था. सुबह हो चुकी थी.
बाहर आ कर सबसे पहले तो मुझे यह देख कर बड़ा ताज्जुब हुआ कि सड़कों पर कोई पुरूष दिखाई नहीं दे रहा था. हर तरफ लड़कियाँ ओर महिलायें. दफ्तरों की ओर जाती हुयी लड़कियाँ. बस और कारें सभी महिलाओं द्वारा चलाई जा रही थीं. दुकानों में भी लड़कियाँ – सेल्स काउंटर के दोनों ओर. पुरूष गए तो गए कहाँ? यदि पुरूष दिख भी रहे थे तो कन्धों पर सामान से भरे थैले उठाये हुए. मुझे भी बहुत से लोग हैरानी से देख रहे थे. मेरी वेशभूषा भी उस काल से मैच नहीं कर रही थी. घूमते हुए मैंने देखा कि जहाँ महिलायें बाहर के सारे काम संभाल रही हैं- बैंकों में, माल्स में, पुलिस में, फक्ट्रियों में, व्यापार आदि में, वहीं पुरूष घरों में काम करते हुए दिखाई दे रहे थे. ख़ुशी और संतोष से उनके चेहरे चमक रहे थे. ऐसा लगता था कि चारों और सत्ता महिलाओं के हाथ में है. महिलाओं की तुलना में पुरुषों की गिनती कम लग रही थी. इसी प्रकार घूमते घूमते सारा दिन निकल गया.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 30-10-2015 at 07:38 PM.
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