घुड़दौड़ का शौक- ग़ज़ल गायकी जैसे सौम्य शिष्ट पेशे में मशहूर जगजीत जी का दूसरा शगल रेसकोर्स में घुड़दौड़ है। कन्सर्ट के बाद कहीं सुकून मिलता है तो वो है मुंबई महालक्ष्मी इलाक़े का रेसकोर्स। १९६५ में मुंबई मे जहां डेरा डाला था उस शेर ए पंजाब हॉटल में कुछ ऐसे लोग थे जिन्हें घोड़ा दौड़ाने का शौक था। संगत ने असर दिखाया और इन्हें ऐसा चस्का लगा कि आज तक नहीं छूटा है। (स्रोत-आउटलुक) इसी तरह लॉस वेगास के केसिनो भी उन्हें ख़ूब भाते हैं।