Re: लोककथा संसार
पश्चिमी झील के बारे में अनेक मनमोहक लोक कथाएं प्रचलित हैं , जिन में से टूटे पुल पर बर्फ नामक सौंदर्य में चर्चिक टूटे पुल से जुड़ी एक लोक कथा आज तक चीनियों में असाधारण रूप से लोकप्रिय है । इस कथा में सफेद नाग से मानव सुन्दरी में परिवर्तित एक युवती और श्युस्यान नाम के युवक के सच्चे प्रेम का वर्णन किया गया है । दोनों की पहली मुलाकात इस टूटे पुल पर ही हुई थी ।
लोककथा का कथानक इस प्रकार हैः एक सफेद नाग ने हजार साल तक कड़ी तपस्या कर अंत में मानव का रूप धारण किया , वह एक सुन्दर व शीलवती युवती में परिणत हुई , एक नीले नाग ने भी पांच सौ साल तक तपस्या की तथा वह एक छोटी लड़की के रूप में बदल गई , नाम पड़ा श्योछिंग । पाईल्यांगची नाम की सफेद नाग वाली युवती और श्योछिंग दोनों सखी के रूप मं पश्चिमी झील की सैर पर आयीi जब दोनों टूटे पुल के पास पहुंची तो भीड़ के बीच एक सुधड़ बड़ा सुन्दर युवा दिखाई पड़ा । पाईल्यांगची को उस युवा से प्यार हो गया। श्योछिंग ने अलोकिक शक्ति से वर्षा बुलाई , वर्षा में श्युस्यान नाम का वह सुन्दर युवा छाता उठाए झील के किनारे पर आया ।
वर्षा के समय पाईल्यांगची और श्योछिंग के पास छाता नहीं था अतः वे बुरी तरह पानी से भीग गयीं, उन की मदद के लिए श्युस्यान ने अपनी छाता उन दोनों को थमा दिया, खुद वह पानी में भीगता रहा। ऐसे सच्चरित्र युवा से पाईल्यांगची बहुत प्रभावित हुइ और उसे दिल दे बैठी और श्युस्यान के दिल में भी उस खूबसूरत युवती पाईल्यांगची के लिये प्यार का अंकुर फूटा। श्योछिंग की मदद से दोनों की शादी हुई और उन्हों ने झील के किनारे दवा की एक दुकान खोली , श्युस्यान बीमारियों की चिकित्सा जानता था , दोनों पति-पत्नी निस्वार्थ रूप से मरीजों का इलाज करते थे और स्थानीय लोगों में वे बहुत लोकप्रिय हो गये।
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|