Re: पर्वतीय पर्यटक स्थल: ऊटी
डोड्डाबेट्टा के रास्ते मेंटी म्यूज़ियमपड़ता है। यह सबसे ऊंची जगह पर बनी चाय की फ़ैकटरी है। यहां चाय की पत्ती के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में जानने का अविस्मरणीय अनुभव हुआ। इसे हम अगली पोस्ट में साझा करेंगे। इस फ़ैक्ट्री से पूरे ऊटी शहर का नज़ारा मन को हर्षित कर गया।
हर क़दम पर यहां भरपूर सौंदर्य बिखरा पड़ा है। इसे छोडकर जाने का मन तो करता नहीं, पर अपनी मज़बूरी वापस तो जाना ही था। ऊटी से 105 कि.मी. का सफ़र सड़क से तय कर हम कोयंबटूर पहुंचे और वहां से हवाई यात्रा से वापस कोलकाता आ गए। वापसी के समय जिस मोटर कार से कोयंबटूर एयरपोर्ट की तरफ़ जा रहे थे उसमें यह गीत बज रहा था और हम मन ही मन गाए जा रहे थे:
दिल ढूंढता है फिर वही,
फुरसत के रात दिन.....
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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