View Single Post
Old 19-11-2017, 01:46 PM   #32
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: किस्सा तीन बहनों का

किस्सा तीन बहनों का

परीजाद ने कहा, कुछ याद है तुम्हें? तुम लोग मेरे लिए बोलनेवाली चिड़िया, गानेवाला पेड़ और सुनहरा पानी लेने आए थे और यहाँ अपने काम को और मेरी याद को भूल कर सोने लगे। दोनों भाई अचकचा कर उसे देखने लगे तो उसने कहा, महानुभावो, तुम लोग सो नहीं रहे थे, तुम काले पत्थर की चट्टान बन कर यहाँ पड़े हुए थे। तुमने आते समय बहुत-सी काली चट्टानें देखी होंगी। अब देखो, उनमें से कोई मौजूद है या नहीं। यह सब लोग जो यहाँ दिखाई दे रहे हैं यही वे चट्टानें बने हुए थे।

तुम्हें ताज्जुब हो रहा होगा कि तुम सबके सब जी कैसे उठे। जब मुझे चिड़िया, पानी और पेड़ की टहनी मिल गई तो इनके मिलने से भी तुम्हारे बगैर मुझे बुरा लग रहा था। मैंने इसी चिड़िया से पूछा कि क्या करूँ तो उसने कहा कि सुनहरे पानी की एक- एक बूँद सभी चट्टानों पर डाल कर उन्हें फिर से जीवित कर लो। मैंने इस समय यही किया है।

यह सुन कर बहमन और परवेज तो धन्य-धन्य कर ही उठे, अन्य लोग भी कहने लगे कि तुमने हमें जीवन दान दिया है, हम आजीवन तुम्हारे कृतज्ञ रहेंगे और तुम्हारी आज्ञा का पालन करेंगे।

परीजाद बोली, मैंने तुम लोगों पर कोई अहसान नहीं किया। मैं अपने भाइयों को जिलाना चाहती थी। इसमें अगर तुम्हारा लाभ भी हो गया तो मेरे लिए खुशी की बात है। अब तुम लोग अपने-अपने निवास स्थानों के लिए प्रस्थान करो।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote