View Single Post
Old 09-07-2012, 12:03 PM   #175
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: यादें ओलिम्पिक की

धार्मिक महोत्सव के तौर पर शुरू हुए थे ओलम्पिक
विजेता को मिलती थी जैतून की टहनी

भारत में कुंभ मेले की तर्ज पर करीब तीन हजार साल पूर्व उस समय के अति विकसित देश यूनान के ओलम्पिया में राजाओं की मौजूदगी में चार साल में एक बार होने वाले अत्यंत पवित्र और धार्मिक त्यौहार के अवसर पर शुरू हुए खेलों की प्रेरणा से ही आधुनिक ओलम्पिक की नींव पड़ी थी। प्राचीन ओलम्पिक में खेलों में विवाहित महिलाओं के स्टेडियम में जाने पर प्रतिबंध था और विजेता खिलाड़ी को पदक के बजाय जैतून की टहनी और उसकी माला पहनाई जाती थी। ओलम्पिक खेलों की मशाल को आज भी इसी स्थान से प्रज्वलित करने का रिवाज है। ओलम्पिया नामक स्थान पर प्राचीन ओलम्पिक खेल 776 ईसापूर्व शुरू हुए और प्रत्येक चार साल के बाद लगातार छह बार इनका आयोजन किया गया, लेकिन बाद में रोम के राजाओं ने इसे रद्द करवा दिया था। प्राचीन ओलम्पिक खेलों को राजाओं की मौजूदगी में दुनियाभर से करीब 50 हजार लोग देखने आते थे। इन खेलों में केवल पुरूष, लड़के और कुंवारी महिलाएं ही भाग ले सकती थीं, जबकि शादीशुदा महिलाओं को इन खेलों को देखने तक की इजाजत नहीं थी। यूनान में देवता को प्रसन्न करने के लिये समारोह का आयोजन किया जाता था, इसी दौरान खेल भी होते थे। पहले प्राचीन ओलम्पिक केवल एक दिन के अंदर समाप्त हो गए थे। इसमेंं सुबह से शाम तक फर्राटा दौड़ आयोजित की गई थी। बाद में लोगों दिलचस्पी को देखते हुए इन खेलों को चार दिन का कर दिया गया था, जिसमें बाद में एथलेटिक की प्रतियोगिताओं के अलावा कुश्ती और मुक्केबाजी मुख्य खेल हुआ करते थे। कुश्ती मुकाबला तब तक जारी रहता था, जब तक एक पहलवान दूसरे को चित कर दे या फिर कोई खुद अपनी हार मान ले। प्राचीन ओलम्पिक को फिर से शुरू करने की परिकल्पना फ्रांस के एक युवा पियरे द कुबरटिन ने की थी। उनके प्रयासों से पहले अधिकृत आधुनिक ओलम्पिक खेल 1896 में एथेंस में आयोजित किए गए थे और इसी कड़ी में अब 31वें ओलम्पिक खेल 27 जुलाई से लंदन में शुरू होेने जा रहे हैं। कुबरटिन के कई साल के प्रयासों से ही आखिरकार 1894 में अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति का गठन किया गया। कुबरटिन को आधुनिक ओलंपिक खेलों का जन्मदाता भी कहा जाता है। पहले ओलम्पिक खेल छह से 15 अप्रैल (1896) तक आयोजित किए गए, जिनमें 14 देशों के 241 खिलाड़ियों ने नौ खेलों की 43 स्पर्धाओं में भाग लिया था। इन खेलों की परिकल्पना करने वाले फ्रांसीसी कुबरटिन का भी यही मानना था महिलाओं को ओलम्पिक खेलों में भाग नहीं लेना चाहिए, लिहाजा पहले ओलम्पिक खेलों में महिलाओं ने भाग नहीं लिया। इसके चार साल बाद 1900 में पेरिस ओलम्पिक खेलों से महिला खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति मिल गई थी।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote