Re: Tu aa bhi jaa jaldi se
प्रेम में मिलन की अभिलाषा और प्रिय के लिये बेकरार दिल की पुकार पर अवलम्बित यह कविता बहुत सुंदर एवम् मधुर बन पड़ी है. इसे फोरम पर शेयर करने के लिये धन्यवाद शिखा जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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