Re: छींटे और बौछार
आपका ललाट है या विन्ध्य का विशाल नग
आपके कपोल हैं या शशि-रवि आकाश के
आपके नयन हैं या मदिर झील हैं कोई
आपकी नासिका है, या मनोहारी रास्ते
आपके अधर ज्यों, सुधा-कलश हों युगल
आपके दन्त ज्यों स्तम्भ हों प्रकाश के
आपकी ग्रीवा से झलकते हैं जल-बिंदु यों
जैसे ये दिखते हैं, पारदर्शी गिलास से
कुचों की कठोरता में, कैसी स्निग्धता
हीरे में जैसे कि, दुग्ध का निवास है
चपल शेरनी सी, कटि का प्रकार 'जय'
आपका स्वरूप है, भरा वन-विलास से
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