04-09-2013, 07:49 PM
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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Originally Posted by rajnish manga
हक मुझे बातिल आशना न करे
मैं बुतों से फिरूं खुदा न करे
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राम करे ऐसा हो जाये
मेरी निंदिया तोहे मिल जाये
मैं जागूँ तू सो जाये
गुज़र जायें सुख से तेरी
दुःख भरी रतियाँ
बदल दूँ मैं तोसे अँखियाँ
गुज़र जायें सुख से तेरी
दुःख भरी रतियाँ
बदल दूँ में तोसे अँखियाँ
बस में अगर हो यह बतियाँ
माँगूँ दुआएँ हाथ उठाये
मेरी निंदिया तोहे मिल जाये
मैं जागूँ तू सो जाये
मैं जागूँ तू सो जाये, हो ओ
तू ही नहीं मैं ही नहीं
सारा ज़माना
दर्द का है एक फ़साना
तू ही नहीं मैं ही नहीं
सारा ज़माना
दर्द का है एक फ़साना
आदमी हो जाए दीवाना
याद करे गर भूल न जाए
मेरी निंदिया तोहे मिल जाए
मैं जागूँ तू सो जाये
मैं जागूँ तू सो जाये, हो ओ
स्वप्न चला आये कोई
चोरी चोरी
मस्त पवन गाये लोरी
स्वप्न चला आये कोई
चोरी चोरी
मस्त पवन गाये लोरी
चन्द्र किरण बन के डोरी
तेरे मन को झूला झुलाये
मेरी निंदिया तोहे मिल जाये
मैं जागूँ तू सो जाये
मैं जागूँ तू सो जाये, हो ओ
राम करे ऐसा हो जाये
मेरी निंदिया तोहे मिल जाये
मैं जागूँ तू सो जाये
मैं जागूँ
मैं जागूँ
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