Re: गुनगुनाओ, खुल कर गाओ, लेकिन सही गाओ
जहां डाल डाल पर सोने की ... / सिकंदर ऐ आज़म
रचना : राजिन्दर कृष्ण
संगीत : हंसराज बहल
गायन : मोहम्मद रफ़ी
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु
गुरुदेवो महेश्वर:
गुरु साक्षात परब्रह्म
तस्मये श्री गुरुवे नम:
जहां डाल डाल पर सोने की चिड़ियां करती हैं बसेरा
वो भारत देश है मेरा।
जहां सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा।
ये धरती वो जहां ॠषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला
जहां हर बालक एक मोहन है और राधा हर एक बाला
जहां सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा।
जहां गंगा, जमुना, कृष्ण और कावेरी बहती जाए
जहां उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम को अमृत पिलवाए
कहीं ये फल और फूल उगाए, केसर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा।
अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है कहीं हैं होली के मेले
जहां राग रंग और हंसी खुशी का चारों ओर है घेरा
वो भारत देश है मेरा।
जहां आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले
जहां किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले
प्रेम की बंसी जहां बजाता है ये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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