Re: कुरआन और विज्ञान |
समुद्र विज्ञान
oceanography
मीठे और खारे पानी के बीच ‘आड़‘
‘‘दो समंदरों को उसने छोड़ दिया कि परस्पर मिल जाएं फिर भी उनके बीच एक पर्दा (दीवार ) है। जिसका वह उल्लंघन नहीं करते‘‘ ।,,(अल-क़ुरआन: सूर 55 आयत ..19 से 20 )
आप देख सकते हैं कि इन आयतों के अरबी वाक्यांशों में शब्द ‘बरज़ख‘ प्रयुक्त हुआ है जिसका अर्थ रूकावट या दीवार है यानि partition इसी क्रम में एक अन्य अरबी शब्द ‘मरज‘ भी आया हैः जिसका अर्थ हैः ‘वह दोनों परस्पर मिलते और समाहित होते हैं‘। प्रारम्भिक काल में पवित्र क़ुरआन के भाष्यकारों के लिये यह व्याख्या करना बहुत कठिन था कि पानी के दो भिन्न देह से सम्बंधित दो विपरीतार्थक आशयों का तात्पर्य क्या है ? अर्थात यह दो प्रकार के जल हैं जो आपस में मिलते भी हैं और उनके बीच दीवार भी है। आधुनिक विज्ञान ने यह खोज कर ली है कि जहां-जहां दो भिन्न समुद्र oceans आपस में मिलते है वहीं वहीं उनके बीच ‘‘दीवार‘ भी होती है। दो समुद्रों को विभाजित करने वाली दीवार यह है कि उनमें से एक समुद्र की लवणता:salinity जल यानि तापमान और रसायनिक अस्तित्व एक दूसरे से भिन्न होते हैं । (संदर्भ: principleas of oceanography devis पृष्ठ .92-93)
आज समुद्र विज्ञान के विशेषज्ञ ऊपर वर्णित पवित्र आयतों की बेहतर व्याख्या कर सकते हैं। दो समुद्रो के बीच जल का अस्तित्व (प्राकृतिक गुणों के कारण ) स्थापित होता है जिससे गुज़र कर एक समंदर का पानी दूसरे समंदर में प्रवेश करता है तो वह अपनी मौलिक विशेषता खो देता है, और दूसरे जल के साथ समांगतात्मक मिश्रण: Homogeous Mixture बना लेता है। यानि एक तरह से यह रूकावट किसी अंतरिम सममिश्रण क्षेत्र का काम करती है। जो दोनों समुद्रों के बीच स्थित होती है। इस बिंदु पर पवित्र क़ुरआन में भी बात की गई है:
‘‘और वह कौन है जिसने पृथ्वी को ठिकाना बनाया और उसके अंदर नदियां जारी कीं और उसमें ( पहाडों की ) खूंटियां उत्थापित कीं ‘‘और पानी के दो भण्डारों के बीच पर्दे बना दिये ? क्या अल्लाह के साथ कोई और ख़ुदा भी ( इन कार्यों में शामिल ) है ? नहीं, बल्कि उनमें से अकसर लोग नादान हैं‘(अल-क़ुरआन .सूर: 27 ..आयात ..61 )
यह स्थिति असंख्य स्थलों पर घटित होती है जिनमें Gibralter के क्षेत्र में रोम-सागर और अटलांटिक महासागर का मिलन स्थल विशेष रूप से चर्चा के योग्य है। इसी तरह दक्षिण अफ़्रीका में,‘‘अंतरीप-स्थल cape point और‘ अंतरीप प्रायद्वीप‘‘cape peninsula में भी पानी के बीच, एक उजली पटटी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है जहां एक दूसरे से अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर का मिलाप होता है। लेकिन जब पवित्र क़ुरआन ताज़ा और खारे पानी के मध्य दीवार या रूकावट की चर्चा करता है तो साथ-.साथ एक वर्जित क्षेत्र के बारे में भी बताता है:
”और वही जिसने दो समुद्रों को मिला कर रखा है एक स्वादिष्ट और मीठा दूसरा कड़वा और नमकीन, और उन दोनों के बीच एक पर्दा है, एक रूकावट जो उन्हें मिश्रित होने से रोके हुए है‘‘ ।(अल-क़ुरआन सूर: 25 आयत.53 )
आधुनिक विज्ञान ने खोज कर ली है कि साहिल के निकटस्थ समुद्री स्थलों पर जहां दरिया का ताजा़ मीठा और समुद्र का नमकीन पानी परस्पर मिलते हैं वहां का वातावरण कदाचित भिन्न होता हैं जहां दो समुद्रों के नमकीन पानी आपस में मिलते हैं। यह खोज हो चुकी है कि खाड़ियों के मुहाने या नदमुख:estuaries में जो वस्तु ताजा़ पानी को खारे पानी से अलग करती है वह घनत्व उन्मुख क्षेत्रःpycnocline zone है जिसकी बढ़ती घटती रसायनिक प्रक्रिया मीठे और खारे पानी के विभिन्न परतों layers को एक दूसरे से अलग रखती है। ( संदर्भः oceanography ग्रूस: पृष्ठ 242 और Introductry oceanography थरमनः पुष्ठ 300 से 301 )
रूकावट के इस पृथक क्षेत्र के पानी में नमक का अनुपात ताज़ा पानी और खारे पानी दोनों से ही भिन्न होता है , ( संदर्भ: oceanography ,ग्रूसः पृष्ठ 244 और Introductry oceanography ‘‘थरमन: पुष्ठ 300 से 301)
इस प्रसंग का अध्ययन कई असंख्य स्थलों पर किया गया है, जिसमें मिस्र म्हलचज की खा़स चर्चा है जहां दरियाए नील, रोम सागर में गिरता है। पवित्र क़ुरआन में वर्णित इन वैज्ञानिक प्रसंगों की पुष्टि ‘डॉ. विलियम एच‘ ने भी की है जो अमरीका के कोलवाडोर यूनीवर्सिटी में समुद्र-विज्ञान और भू-विज्ञान के प्रोफे़सर हैं।
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