Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
49 वर्षीय गस कोरेसिस और उसके सहयोगी जॉन फोटिनौस को मानव हत्याओं की जांच का 30 वर्ष का ख़ासा लम्बा अनुभव था और पिछले एक दशक से भी अधिक समय से तो वे अभिन्न रूप से जुड़े हए थे. दोनों ही यूनानी आप्रवासियों के बेटे थे, और विभाग में यह मशहूर था कि उनमें से एक को यह पता चल जाता था कि दूसरा क्या सोच रहा है, यहां तक कि दूसरे के द्वारा सोचे जाने से पहले ही. वे शारीरिक गठन में भी काफी समान थे, भारी-भरकम थे और सिर पर काले बाल रखते थे.
दोनों इंस्पेक्टरों को विभाग ने एक प्रकार का खुला अधिकार दे दिया था जिसमें पुलिस बल की क्रीम में से टीम के चुनाव का अधिकार भी शामिल था.इस बात को भलीभांति समझते हुये कि बहुत से गुप्तचरों के इस घटनाक्रम में शामिल होने से मामला उलझ सकता है, कोरेसिस व फेटिनौस ने कुल दो सहायकों को चुना – 1. लूटपाट के मामलों की जांच करने वाली क्रेक टीम से जुड़े – इंस्पेक्टर कार्ल क्लोत्ज़ तथा जेफ़्री ब्रोश. इकट्ठे हो कर उन्होंने हत्याओं पर पुनर्विचार आरम्भ किया, गवाहों से व बच निकले व्यक्तियों से दुबारा पूछताछ की गई. देर रात तक काम करते हए वे नये सूत्रों और नज़रअंदाज़ कर दिये गये या छूट गये पुराने सूत्रों की खोज करते रहे. यह मानते हए कि हत्यारे गोरे लोगों की अंधाधुंध हत्यायें करने के षड्यंत्र का एक हिस्सा हो सकते हैं, उन्होंने अपना ध्यान उन समूहों की ओर केन्द्रित करना शुरू किया जो इन कृत्यों में शामिल हो सकते थे. उन्होंने गुप्तचर विभाग की फाईलें छान मारी और घृणा फैलाने का काम करने वाले साहित्य को पढ़ डाला.
“क्या तुमने यह पढ़ा है?” कोरेसिस ने पूछा. उसने डेस्क के परली तरफ बैठे फोटिनौस को अश्वेत-मुस्लिम-पाठ-योजना नामक पुस्तिका थमाते हए कहा, “दसवें पाठ को पढ़ कर देखो.”
फोटिनौस ने उस पर्चे का मुआयना किया और उसे पढ़ा:
Last edited by rajnish manga; 03-09-2013 at 09:02 PM.
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