Re: सुप्रभात / Good Morning
भोर का गीत
साभार: आदर्श कुमार सिंह (इन्टरनेट से)
नव प्रभात की नवल किरण का
सादर वंदन अभिनन्दन है
बंशी धुन मोहक उजियारा
सारी दुनिया वृन्दावन है।
नेह भरी गागर सी मिलकर
आज दिशाएं खींच रही हैं
उदधि पटल पर विश्व मोहिनी
ज्यों अंतर्मन सींच रही है
बाल-सूर्य की अरुणिम आभा
मन मोहक है मन भावन है।
अमराई एक कोप भवन सी
कोयल क्रंदन गीत भरा है
भ्रमरों की गुंजन में किसने
आज मधुर संगीत भरा है
क्या गीतों के अनुभावों में
महज दर्द का तपता वन है।
अम्बर तड़ित लिए हांथो में
करता है कुछ जादू टोना
धीरे धीरे छंटता है तम
हुआ प्रकाशित कोना कोना
बरस रहा आलोक धरा पर
जैसे बरस रहा सावन है।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|