03-03-2015, 04:35 PM
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#6
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Re: कुछ ओर!
Quote:
Originally Posted by Deep_
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कत्ल करने को काफी है,
पलकें गिराई जाए, उठाई जाए।
जहां आना जाना हो उनका,
लाश वहीं दफनाई जाए|
(दीप)
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ग़ज़ल के अंदाज़ में यह एक सुंदर रचना है. सभी शे'रों में भावों की तीव्र अभिव्यक्ति मिलती है. टाइप की कुछ त्रुटियों (सुखी = सूखी, लो = लौ आदि) के बावजूद रचना अच्छी बन पड़ी है. उक्त दो शे'र विशेष रूप से प्रभावित करते हैं. आपको बहुत बहुत धन्यवाद व शुभकामनाएं, दीप जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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