Re: हास्य कविताएँ
चांगचगीचु
बंता मल्होत्रा की दोस्ती भारत भ्रमण पर आए एक चीनी आदमी से हो गई। एक रोज उस चीनी का एक्सीडेंट हो गया । बंता मल्होत्रा उसे देखने अस्पताल पहुंचा।
बंता जैसे ही उसके बिस्तर के पास पहुंचा चीनी ने आंखे खोलीं और पूरा जोर लगा कर बोला - चांग चिंग चू या हुआ !
बंता को कुछ समझ नहीं आया । चीनी ने एक बार फिर बड़े कष्ट से कहा - चांग चिंग चू या हुआ, इतना कहकर चीनी मर गया। बंता को बहुत दुख हुआ । उसे इस बात का बेहद दुख था कि चीनी भाषा न आने के कारण वह अपने मित्र की आखिरी बात न समझ सका। पता नहीं वह क्या कहना चाह रहा था?
बंता ने उस बात को भुलाने की बहुत कोशिश की पर भुला नहीं सका। आखिर एक दिन उस बात का मतलब जानने के लिए वह चीन रवाना हो गया। वहां जाकर एक हिंदी चीनी दुभाषिये को उसने पूरा वाकया सुनाया और पूछा - चांग चिंग चू या हुआ का क्या मतलब हुआ ।
दुभाषिए ने बंता की तरफ गौर से देखते हुए बताया - अबे स्साले ! ऑक्सीजन के पाइप से पैर हटा...!!
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है।
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