Re: अनोखे गीत - २
मुझे नही लगता की यहां कोई भी सुत्र 'अपना' हो सकता है! यहां मौजुद सारे सुत्र 'सबके' है! वैसे यह सुत्र का प्रयोजन यह था की आम हल्के-फुल्के गीतो से विपरीत गहरे और संवेदनशील गानों को यहा प्रस्तुत किया जाए, लेकिन...ईस दौरान मै सिर्फ गुलज़ार जी के गानों के सिवा ओर कुछ नही सुझा!
आपने जो गीत पेश किया वह भी तो उनकी ही तो रचना है। ईसके लिए फीर से धन्यवाद!
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