आज मेरे ही गानों के फोल्डर से एक ओर गीत मील गया। देखा? एसा नही है के मुझे गुलज़ार जी के सारे गाने पता है। मुझ से ज्यादा कीसी सीडी-डीवीडी वाले को ज्ञान होगा!
आज कल बार बार यह गीत सुन रहा हुं.....वैसे तो ये सुत्र के सारे गीत मै बार बार सुनता हुं.....आप भी सुना किजीए!
देखिए पंचम दा ने पहेली लाईन को किस प्रकार खेला है और गुलझार जीने कैसे शब्दो की हेरफेर की है।
तु जहां मिले मुझे, वहीं मेरे दोनो जहां....