Re: अनोखे गीत - २
आप प्रस्तुत है मेरी मनभावन फिल्म परिचय का एक सुन्दर गीत...जिसका २००१-२००४ की साल में किसी कम्बख़त ने (माफी चाहूंगा) रीमिक्स भी बनाया था।
सरल लिखावट होने के पश्चात भी कितना अलग है यह गीत!
घर जाएगी, तर जाएगी...
एक अंतरे में 'तुमने मेरा नाम कभी आंखो से पुकारा नहीं, मैने जाने कैसे सुना था।' लिख कर के वही विवादास्पद प्रयोग गुलज़ार जी ने कर दिया है जो उन्हों ने खामोशी के उस गानें मे किया था....हमने 'देखी' है उन आंखो की चमकती खुश्बु!
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