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Originally Posted by arvind
देश मे जितने भी घोटाले अभी तक हुये है, उन सब को एक साथ जोड़ दिया तब भी ये मुद्दा उन सब पर दस गुणा भारी पड़ेगा, क्योंकि घोटालो मे तो धन की हानि होती है, जो पूरा किया जा सकता है, मगर यह तो पूरे समाज और संस्कृति को तबाह कर रहा है।
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सत्य वचन |
एक बात जो मैं व्यक्तिगत रूप से जोड़ना चाहूँगा कि इसके लती तब tak अपराधी नहीं हैं जब तक इसके दुष्प्रभाव ना समझें, अपनी नव्युवावस्था में मुझे भी सभी कि तरह एक समय चस्का लगा हुआ था किन्तु नियमित काउंसिलिंग और व्यक्तिगत संयम से इस आदत पर काफी लम्बे समय पहले काबू पाया | किसी कुचक्र में पड़ना उतना गलत नहीं है जितना उसकी हानियाँ समझ कर भी पड़े रहना है |
प्रयास करें, संयम रखें थोडा सा प्रयत्न करें फिर देखें कैसे आप इससे ऊपर उठेंगे और यदि मेरे एक भी शब्द का विश्वास कर सकें तो मैं वचन दे सकता हूँ की आप अपने को अधिक मुक्त, स्वस्थ और आत्मविश्वास से भरा हुआ पाएंगे |
संयम ही तो हर सफलता की कुंजी है, योग ध्यान, तपस्या बस संयम के ही अलग अलग नाम हैं, एक बार प्रयास करिए और चमत्कारिक फल पाएंगे |