आसमान कहता है रब से तूने चाँद दो क्यूँ बनाए
एक में रखा है दाग दूसरा है साफ़ साफ़
सबकी नज़र उसपे जाए हाय
वही तो है मेरी है वही तो
के जिसको देख देख देख चाँद जलता है
रब ने कहा ऐ आसमां उसे भेज के ज़मीं पे
हम भी पछताए हाय
वही तो है मेरी ...
उसको देख फूलों को होती है जलन
क्यूं कि उसकी खुश्बू में हैं सभी मगन
वो गुज़रे दूर से हवा के शोर से
उसके आने का पता चले यहां सभी ये जानें
आसमान कहता है ...
सात रंग दुनिया में होते हैं मगर
आठवां कहां है किसे है क्या खबर
जो उसको देख ले वो पल में जान ले
रंग क्यूं करे है कोशिशें रंग इक बनाने
आसमान कहता है ...
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