View Single Post
Old 15-05-2014, 03:35 PM   #11
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: बॉलीवुड शख्सियत

Story of Mehmood: The Rise & Fall of a Comedian
महमूद की कहानी: एक कामेडियन का उत्थान और पतन
(आलेख आभार: समय ताम्रकर)

अपने समय के सार्वाधिक चंचल और हमेशा नवीनता में विश्वास करने वाले कलाकार- कॉमेडियन महमूद की फिल्मों पर निगाह डालें तो उनकी फिल्मों के बहुत से दृष्य आँखों के सामने आ जाते हैं, जैसे आरज़ू फिल्म में डल लेक का शिकारा चालक ममदू, चित्रलेखा का भ्रमित युवा सन्यासी, हमजोली फिल्म में निर्देशक के रूप में पिता ओम प्रकाश को मुंह से आवाजे निकाल कर एक डरावने सीन के ज़रिये प्रभावित करने का दृष्य, या आपको उनका यह डायलाग तो याद होगा ही - दे दे अल्लाह के नाम पे दे दे! दिनार नहीं, तो डॉलर चलेगा. शर्ट नहीं तो शर्ट का कॉलर चलेगा. इस संवाद के बाद गाना शुरू होता है- तुझको रक्खे राम, तुझको अल्लाह रक्खे. यह सीन है रामानंद सागर की फिल्म आंखे (1968) का. महमूद भिखारी के भेष में अपने साथी धर्मेन्द्र की तलाश में हैं. अपनी फिल्म कुंवारा बाप में एक गरीब रिक्शा चालक द्वारा एक अनाथ पोलियोग्रस्त बच्चे की परवरिश और उसे समाज का एक सक्षम नागरिक बनाने में आने वाली कठिनाइयों को बड़े भावपूर्ण तरीके से दर्शकों के सामने रखा था. फिल्म “पड़ोसन” तो एक क्लासिक फिल्म के रूप में सदा याद रखी जायेगी.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote