Re: Indian tour of Australia 2014-2015
खेल डेस्क. भारत को कड़े मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने 48 रनों से पराजित कर दिया। यह मैच सिर्फ विराट कोहली और डेविड वार्नर के दोनों पारियों में शतक ही नहीं, बल्कि कई रिकॉर्ड और घटनाओं के कारण इतिहास में अमर हो गया। पांच दिनों में कई रिकॉर्ड बने और कई टूटे। आंखें नम हुईं तो कई एग्रेसिव मौके भी आए। जिस विराट को बाउंसर लगने के बाद कंगारू संभालते दिखे, उसी विराट से उलझते भी दिखाई दिए। Dainikbhaskar.com इन्हीं यादगार लम्हों और कभी ना याद करने वाली घटनाओं को आप तक पहुंचा रहा है।
22 साल बाद जीतते-जीतते रह गए
भारत 22 साल बाद जीत के इतने करीब पहुंच कर हारा 48 रनों से हार गया। इससे पहले 1992 में एडीलेड में ही 38 रन से हारे थे। अगर बात करें एडिलेड मैदान की तो भारत ने 11 मैच खेले हैं। उसे सिर्फ एक टेस्ट में अब तक जीत मिली है। दिसंबर 2003 में सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराया था।
एक लाख से अधिक लोग पहुंचे स्टेडियम
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए इस टेस्ट को देखने के लिए एक लाख 13 हजार 9 दर्शक स्टेडियम पहुंचे। यह नॉन एशेज (ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाली टेस्ट सीरीज) मैच में दर्शकों की सर्वाधिक संख्या है। यह संख्या 1933 के बाद सबसे अधिक थी। जनवरी, 1933 में वेस्ट इंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मैच को देखने के लिए अंतिम दिन 24 हजार 8 सौ 36 दर्शक पहुंचे थे।
सिक्सर किंग मुरली विजय
एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भी भारतीय ओपनर द्वारा सर्वाधिक छक्का लगाया गया। मुरली विजय ने दोनों पारियों में दो-दो छक्के लगाए। अगर बात की जाए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसके होम ग्राउंड की तो विरेंद्र सहवाग ने 2003 में मेलबर्न टेस्ट में पांच छक्के लगाए थे। वह आज भी कंगारुओं के खिलाफ एक मैच में सर्वाधिक छक्के लगाने वाले ओपनर बल्लेबाज हैं।
LBW होने वाले दूसरे बल्लेबाज
99 रनों के स्कोर पर मुरली विजय LBW (लेग बिफोर द विकेट या पगबाधा) होने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज हैं। उनसे पहले 1994 में नवजोत सिंह सिद्धू आउट हुए थे। वे श्रीलंका के खिलाफ 99 रन के स्कोर पर एलबीडब्ल्यू आउट हुए थे।
करन शर्मा: विदेश में 24 साल बाद टेस्ट डेव्यू
भारतीय टेस्ट टीम के सबसे नए सदस्य लेग स्पिन गेंदबाज करण शर्मा की उम्र 27 साल है। अनिल कुंबले ने 1990 में जब विदेश में टेस्ट पदार्पण किया था, तब करन महज तीन साल के थे। एक स्पिन गेंदबाज के तौर पर करन से पहले कुंबले ने ही ओल्ड टेफर्ड मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ पदार्पण किया था। इस तरह कर्ण भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर टेस्ट पदार्पण करने वाले बीते 24 साल में दूसरे भारतीय स्पिन गेंदबाज बन गए हैं। भारतीय टीम के नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कर्ण को टेस्ट कैप पहनाया।
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