Re: खुशवंत सिंह की किताबें> एक परिचय
खुशवंत सिंह की किताबें> एक परिचय
आई शैल नॉट हियर द नाईटिंगेल
1959 में छपा खुशवंत सिंह का दूसरा उपन्यास था “आई शैल नॉट हियर द नाईटिंगेल”. इस उपन्यास का घटना स्थल अमृतसर है और इसका पात्र सरदार बूटा सिंह जो फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट है, अंग्रेजों का खैरख्वाह है. इसका समय ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’ आन्दोलन का है जब भारत अपनी स्वाधीनता के लिये संघर्ष कर रहा था. सरदार बूटा सिंह क्रांतिकारियों के विरुद्ध अंग्रेजों का साथ देता है. उसका पुत्र शेर सिंह पिता को बिना बताये क्रांतिकारियों के उस समूह में शामिल हो जाता है जो बंदूक और पिस्तौल का इस्तेमाल करने तथा हिंसा के रास्ते पर चलने को बुरा नहीं समझता. पास के गाँव के मुखिया के गायब हो जाने के बाद शेरसिंह को गिरफ्तार कर लिया जाता है. इस घटना के बाद उसका पिता उससे सारे संबंध तोड़ लेता है. माँ उसकी सलामती के लिये पूजा पाठ करती है. जिलाधीश शेर सिंह के सामने दो विकल्प रखता है. या तो शेरसिंह अपना रास्ता बदल दे या फाँसी के लिये तैयार रहे. शेरसिंह की पत्नी और बहन क्रांतिकारी मदन के साथ काम करने लगते हैं. इस उपन्यास में तत्कालीन पंजाब के लोगों का संघर्ष, टूटन और विनाश तथा अंग्रेजों व उनके वफ़ादार भारतीयों और क्रांतिकारियों के कारनामों की कहानी है. पुस्तक में जहां कई स्थानों पर त्रासद स्थितियों का वर्णन है वहीँ कई जगह हास्य प्रसंग पढ़ने को मिलते हैं. बहुत से लोगों की राय में यह उपन्यास खुशवंत सिंह का सर्वोत्तम उपन्यास है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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