Re: Mujhe pata tha...!
आप की सोच में तथा अभिव्यक्ति में झील सी गहराई है तथा गंभीरता है. संबंधों की कोमलता तथा उनके उतार-चढ़ाव से हो कर गुज़रने का अनुभव आपने बड़ी संवेदनशीलता के साथ अपने शब्दों में ढाला है. बधाई व धन्यवाद, राहुल जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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