Re: सप्ताहांत चिन्तन :: अभिषेक की कलम से
१२ रुपैये एक बिएर की देने के बाद भी कुछ रेजगारी आपको वापिस मिल जाती थी. मद्रास से बंगलौर तक का हवाई जहाज़ का किराया २०१ रुपैये होता था. लन्दन जाने के लिए वीसा की जरुरत नहीं होती थी. अपने धोनी चलना सीख रहे थे. घर में टीवी होना शानो-शौकत की निशानी होती थी. मुंबई का जुहू बीच युवाओ के लिए प्रणय-रस लेने लिए पसंदीदा स्थान हुआ करता था, जहा प्रेमी जोड़े साथ बैठा करते थे, लड़की के साडी के आँचल से प्रेमी युगल दुनिया के नज़रो से छिप जाते थे.
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