Re: सप्ताहांत चिन्तन :: अभिषेक की कलम से
इससे पहले की पाठक मुझपर टमाटर फेंके, मैं यह बोलना चाऊँगा की उस दिन की हरेक बात अलग थी, स्पेशल थी. उस दिन भारतीय क्रिकेट की किस्मत बदल गयी थी, यह एक नये और रोमांचक सफ़र का आगाज़ था. वो दिन कुछ ऐसा है था जैसे की केनेडी को गोली लगने वाला दिन, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की तबाई वाला दिन, या मोहम्मद अली द्वारा फोरमॅन को हराने वाला पल. २५ जून, १९८३ इतिहास में कुछ खास है, क्या दिन था वो!
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