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Old 20-09-2014, 08:38 PM   #22
rajnish manga
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Default Re: गुण और कला

यहाँ पर मैं कुछ कहना चाहता हूँ. वह यह कि आज के युग में सीधा या निष्कपट होना एक दुर्लभ गुण है. निष्कपट व्यक्ति दूसरे को धोखा नहीं देगा भले ही उसके सीधेपन का फ़ायदा औरों द्वारा उठाया जाये. मगर इसका मतलब यह नहीं है कि सीधापन किसी सीधे व्यक्ति का का गुण न हो कर दुर्गुण करार दिया जाये और उसकी बराबरी बेवकूफी से की जाये. आप मुझे यह बतायें कि हमारे आसपास जो अपराध देखने में आते हैं क्या अपराध की उन सभी वारदातों में शिकार हुये व्यक्ति सीधे थे या सीधेपन से ग्रस्त बेवकूफ थे.

आप यह मानेंगे कि तमाम खराबियों के, अपराधियों के, कातिलों के, उग्रवादियों के, षड्यंत्रकारियों के यह दुनिया चल रही है. बड़े बड़े आक्रांता भी अपनी मनमानी अधिक समय तक नहीं चला सके. और इसके पीछे कौन है? इसके पीछे हैं सच्चाई व अच्छाई, अच्छे लोग और अच्छी सोच. यदि संसार से अच्छाई खत्म हो जाये तो संसार का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा. अंत में कहूँगा कि सीधापन दोष नहीं एक गुण है और इसे गुण के रूप में ही समादृत किया जाना चाहिए. आप सभी मित्रों का हार्दिक धन्यवाद.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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