Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
कॉलेज लेक्चरर
कॉलेज में लेक्चर देते थे, सिद्धान्तालंकार जी;
उनकी वाणी से मचती थी कैम्पस में टंकार जी;
तेवर भी बड़े प्रचण्ड थे,
पर छात्र बड़े उद्दण्ड थे,
क्लासों से वह निकल भागते करके नमस्कार जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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