Re: मुझे मत मारो :.........
आपका कहना सच है. हमारे यहाँ हर जगह दोगलापन है- हमारी सोच में, हमारी सामाजिक प्रतिबद्धता में और हमारे प्रशासनिक ढाँचे में. इसके अलावा हमारी रूढ़िवादिता, बालक और बालिका में अंतर करने वाली हमारी परवरिश तथा दोषपूर्ण शिक्षा पद्धति भी इन शैतानी परिस्थितियों के लिये ज़िम्मेदार हैं. हमारे राजनेताओं की गैरज़िम्मेदार बयानबाजी और असंवेदनशीलता approach भी स्थिति को और भी गंभीर बना देते हैं.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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