Re: ब्रह्माण्ड और एलियंस; कितना जानते हैं हम
लेकिन उन्होंने कहा कि उनके पिता इसके महत्व से अच्छी तरह वाक़िफ़ थे.
सेर्गेई ने कहा कि गागारिन के मॉस्को लौटने पर शहरवासियों ने उनका ज़बरदस्त स्वागत किया. लोग सड़कों पर थे, इमारतों की छतों पर इकट्ठा थे और खिड़कियों से झाँक रहे थे.
वो उस दृश्य की तुलना 9 मई के समारोहों से करते हैं जब दूसरे विश्वयुद्ध में सोवियत संघ की जीत हुई थी.
उस दौर में सोवियत संघ और अमरीका हर क्षेत्र में एक दूसरे को पछाड़ने की फ़िराक़ में रहते थे.
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'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो '
आपका दोस्त पंकज
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