यह धर्म के नाम पर अविश्वास फैलाने वाले कुचालियों की कुचाल है .हाँ ,दो मुंह वाले सांप जरूर पाए गए हैं जो प्रक्रति के विद्रूप परिहास के परिणाम हैं .मगर यह पंचमुखी तो श्रावण माह के महात्म्य को लक्षित कर श्रद्धालुओं की आँखों को नतमस्तक करने के लिए ही है ...यह बनावटी प्लास्टक का सांप है ...ध्यान से देखिये ....कारीगर की तारीफ़ करनी होगी बिल्कुल धामन सांप से मिला दिया है.