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हमारी मदद बिना लादेन को ठिकाने लगाना नहीं था मुमकिन-आईएसआई
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (आईएसआई) का कहना है कि ओसामा बिन लादेन को ढूंढ निकालने और मार गिराने का सारा श्रेय अकेले ले लेने वाले अमेरिका में उसकी मदद के बगैर ऐसा कर पाने का कतई सामर्थय नहीं था। अमेरिकी दैनिक वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार आईएसआई से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि दरअसल आईएसआई ने ही अमेरिका को लादेन के ऐबटाबाद में छिपे होने की जानकारी दी थी। इस आईएसआई अधिकारी ने यह भी कहा है कि अमेरिका को विश्व के किसी भी कोने में कुख्यात आतंकवादी संगठन अलकायदा के ठिकानों पर अगर हमला करने में कामयाबी हासिल हुई तो इसका श्रेय भी आईएसआई को ही जाता है। उसने कहा ..हमारी मदद के बगैर अमेरिका ऐसा कभी भी नहीं कर पाता। आईएसआई के ही एक अन्य अधिकारी ने बताया कि लादेन तक पहुंचने के लिये अमेरिकी खुफ्यिा एजेंसी (सीआईए) के एजेंटों ने जिस शख्स अबू अहमद अल कुवैती का पीछा किया उसका फोन नंबर भी आईएसआई ने ही उन्हें दिया था। कुवैती का फोन नंबर सीआईए को सौंपते वक्त आईएसआई को यह जानकारी नहीं थी कि यह नंबर किसका है, लेकिन सीआईए ने यह पता लगते ही कि लादेन संभावित तौर पर ऐबटाबाद में ही छिपा है, आईएसआई से नाता तोड़ लिया और अकेले दम ही आपरेशन नेप्चयून स्पीयर को अंजाम दिया। आईएसआई ने इसे बड़ा धोखा करार दिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने हालांकि पाकिस्तान के इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनके पास इस अभियान को अंजाम देने के लिए पर्याप्त सामर्थय मौजूद था और महज एक फोन नंबर का पता लगाने के लिए आईएसआई पर उनकी निर्भरता नहीं थी। उल्लेखनीय है कि एक मई 2011 की रात को पाकिस्तान के एक छोटे से कस्बे एबटाबाद में स्थित एक हवेली पर अमेरिकी नौसेना के नेवी सील कमांडो दस्ते ने हमला बोला था। इस हमले में अमेरिका द्वारा सबसे वांछित आतंकवादी ओसामा बिन लादेन, कुवैती, एक महिला और लादेन के एक अन्य साथी की मौत हुई थी। हमले के बाद से पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध भी तल्ख हुए थे। पाकिस्तान सरकार ने इस हमले को खुद की संप्रभुता का हनन बताया था।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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