उमर खैय्याम की रुबाइयां
Here with a Loaf of Bread beneath the Bough,
A Flask of Wine, a Book of Verse – and Thou
Beside me singing in the Wilderness –
And Wilderness is paradise enow.
(Edward Fitzgerald )
शुगल-ए-मयनोशी का सामां हो, बियाबां की बहार!
लो-ए-जज्बात को हेज़ान में मैदां का गुबार !
दिलरुबा ज़ीनत-ए-पहलू हो कोई जाम बदस्त !
ताज-ए-सुल्तानी भी इस ऐश पे कर दूं मैं निसार !!
(प्रोफ. वाकिफ़ )
वीराना हो, मयनोशी का सामान भी हो!
रोटी भी हो, बकरे की भुनी रान भी हो!
माशूक-ए-तरहदार भी हो पहलू में !
फिर अपनी बला से कोई सुलतान भी हो !!
(ताहा नसीम )
Last edited by rajnish manga; 29-01-2013 at 10:31 PM.
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