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Originally Posted by Dark Saint Alaick
अद्भुत सूत्र है, रजनीशजी। उमर खय्याम की रुबाइयां स्वयं ही मादक, सम्मोहक और मस्त कर देने वाली हैं, उस पर आपने उनका जो अनुपम रूपांतर किया है, माशाअल्लाह वह काबिले तारीफ़ ही नहीं, दीवाना कर देने वाला है। फोरम को आपका यह एक बेहतरीन तोहफा है; इसके लिए मैं आपका तहे-दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। आभार।
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आपके उत्साहवर्धन के किये मैं हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ. उमर खैय्याम की रुबाइयों का मैं स्कूल के ज़माने से ही शैदाई रहा हूँ ठीक ऐसे ही जैसे दीवाने ग़ालिब, बच्चन की मधुशाला, Golden Treasury of Lyrical Poems, शेक्सपीयर के कुछ नाटक जिनमे कॉमेडी भी शामिल है, टॉलस्टॉय के वृहद् उपन्यास, चेखव के उपन्यास और नाटक व कहानी और पर्ल बक का उपन्यास 'द गुड अर्थ' आदि आदि का रहा हूँ. मेरी बड़ी इच्छा थी कि मूल फ़ारसी के ज़रिये रुबाइयाँ समझ सकता, लेकिन यह संभव न हुआ. खैर जैसा भी बन पड़ा आपके सामने है. परिमार्जन करते रहें, धन्यवाद.