Re: कुतुबनुमा
जरदारी के कदम को लेकर अटकलें
पाकिस्तानी के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने से गृह मंत्री रहमान मलिक को क्यों रोक दिया इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। पाकिस्तान के उर्दू अखबार ‘डेली एक्सप्रेस’ ने जो जानकारी हाल ही में दी है उसके अनुसार जरदारी ने बेनजीर की पांचवीं पुण्यतिथि पर पिछले सप्ताह सत्ताधारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक में मलिक को रिपोर्ट जारी करने से रोक दिया। जरदारी के इस कदम पर शंका और बढ़ जाती है क्योंकि यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब जरदारी और मलिक के बीच मतभेद बढ़ने की खबरें भी पिछले काफी दिनो से मिल रही हैं। उल्लेखनीय है कि मलिक ने इससे पहले मीडिया को रिपोर्ट जारी करने के अपने इरादे से अवगत कराया था। बेनजीर की एक आत्मघाती हमलावर ने रावलपिंडी में 27 दिसम्बर 2007 को उस समय हत्या कर दी थी, जब वह एक चुनावी रैली को संबोधित करने के बाद जा रही थीं। खबर तो यह भी है कि पिछले दिनों से मलिक ने संघीय जांच एजेंसी दल के उन सदस्यों एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी जो भुट्टो की हत्या की जांच कर रहे हैं। उन्होंने सैकड़ों पृष्ठों वाली रिपोर्ट के प्रकाशन के कार्य की स्वयं समीक्षा भी की ती। लेकिन अब जरदारी ने यह रिपोर्ट जारी करने से मलिक को क्यों रोका इसको लेकर अटकलें काफी बढ़ गई हैं। दरअसर पाकिस्तान में अंदरूनी सत्ता संघर्ष कोई नई बात नहीं है और वाद विवाद की खबरें भी अकसर सामने आती रहती हैं। ऐसे में जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से रोकने का जरदारी का कदम कई सवाल पैदा कर रहा है। आखिर ऐसे कौन से कारण या तथ्य हैं जिन्हे जरदारी लोगों के सामने लाने से कतरा रहे हैं। मलिक ने तो रिपोर्ट की प्रतियां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेताओं और पत्रकारों के बीच बांटने की भी योजना बनाई थी। हो सकता है आने वाले समय में इस कदम का खुलासा हो।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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