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Originally Posted by rajat vynar
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--'हिदी बिकार क्लब मे आपका हर्दिक स्वगत है।'
--'हिदी आपकी मात्रभषा ही नही राजभषा भी है। ईसलीये क्रप्या हिदी मे बोलीये।'
--'हिदी बिकार क्लब मे इंगलीश मे बुलना सख्त माना है।'
--'सदस्यगन क्रप्या हिदी के बिकास मे अपना सकिृय योघधान दे।'
पढ़कर हमारे कान खड़े हो गए। इस क्लब में हिन्दी के विकारों के बारे में बताया जा रहा है या हिन्दी में विकार पैदा किया जा रहा है? यह कैसा क्लब है जहाँ पर हिन्दी के विकास के नाम पर हिन्दी की टाँग तोड़कर हिन्दी की अर्थी उठाने की तैयारी चल रही है? इस बात का पता लगाना होगा- कौन इस षड़यन्त्र को अंजाम दे रहा है?[/size]
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हिंदी और अंग्रेजी को लेकर अच्छी व्यंगात्मक रचना। शेयर करने के लिए .. धन्यवाद रजत जी