गॉडोह की प्रतीक्षा
अन्तर्जाल में 'क्रोध नियंत्रण और प्रबन्धन' के तमाम लेख पढ़-पढ़कर हमें ऐसा प्रतीत होने लगा जैसे वह दिन दूर नहीं जब एक 'क्रोधमुक्त विश्व' की स्थापना हो जाएगी और 'क्रोध करना' एक विलुप्तप्रायः कला हो जाएगी तथा आने वाली पीढ़ी को 'क्रोध करना' सिखाने के लिए गाँव-गाँव में स्कूल-कॉलेज खोलने होंगे। क्रोध के अस्तित्व पर मँडरा रहे भयानक खतरे को भाँपकर हमारे दोनों कान के साथ सिर के बाल भी खड़े हो गए और हमने प्रण लिया कि हम क्रोध बढ़ाने के उपायों का व्यापक प्रचार और प्रसार करेंगे जिससे आने वाली पीढ़ी क्रोध करने का परमसुख लेने से वंचित न रह सके।
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